श्री चित्रगुप्त धाम में भगवान चित्रगुप्त जी के अलावा अन्य भगवानों की मूर्तियों की प्राणप्रतिष्ठा भी की जाये, परिसर में सर्व सुविधा युक्त कमरों का निर्माण करना ताकि बाहर से आने वाले जरुरतमंद छात्रों और ईलाज कराने के लिए इंदौर में रुकने वाले व्यक्तियों को बहुत ही किफायती दरों पर ठहरने की व्यवस्था हो सके, साथ ही एसी व्यवस्था भी की जाये कि परिसर में धार्मिक, शैक्षणिक, सामाजिक और वैवाहिक आयोजनों के लिए रियायती दरों पर यहाँ स्थान उपलब्ध हो सकें ।
श्री कायस्थ सभा इंदौर ने इस बात की आवश्यकता महसूस की कि उनका अपना कोई ऐसा स्थान होना चाहिए जहाँ समाज हित के कार्य किए किये जा सकें, यह निर्णय 2018-2019 में लिया गया था। श्री कायस्थ सभा इंदौर सन 1920 से अस्तित्व में है, यह संस्था इंदौर शहर की पेटेरल संस्था है इस संस्था के वर्तमान में अध्यक्ष पूर्व अधिवक्ता जनरल श्री आनंद मोहन माथुर जी हैं, उन्होंने संस्था की लगभग 23000 रकबाभर फिट जमीन दान में देकर इस मिशन की शुरुआत की थी । मुख्य हिन्दू त्यौहारों पर कायस्थ समाज एवं हिन्दू समाज के परिवारों को एकत्रित और संगठित सनातन धर्म की आस्था को पुर्नस्थापित करना एवं सामाजिक, शैक्षणिक एवं धार्मिक गतिविधियों का संचालन करना ।
श्री चित्रगुप्त धाम अभी निर्माणाधीन हैं।
इस भव्य श्री चित्रगुप्त धाम परिसर के निर्माण का अनुमानित व्यय लगभग तीन, सवा- तीन करोड़ रुपये हैं। यह निर्माण दो भागों में किया जा रहा है ।
प्रथम- मंदिर परिसर का निर्माण जिसकी अनुमानित लागत एक करोड़ पच्चीस लाख रुपये हैं तथा शेष परिसर में कमरें + किचन + ऑफिस और आयोजनों के लिए बगीचे का निर्माण किया जाना प्रस्तावित हैं। जिसके निर्माण की अनुमानित लागत दो करोड़ रुपये से दो करोड़ पच्चीस लाख रुपये हैं।
नोट : श्री चित्रगुप्त धाम परिसर का निर्माण कार्य दानदाताओं के सहयोग से किया जा रहा हैं, जिसमे मंदिर परिसर का निर्माण 80% पूर्ण हो चुका है । इस स्थान पर आने वाले श्रद्धालुओं से निवेदन है,कि इस निर्माण कार्य को पूर्ण करने मे अपना आर्थिक सहयोग प्रदान करें ।
चित्रगुप्त धाम का उद्देश्य केवल एक मंदिर बनाना नहीं है, बल्कि एक ऐसा स्थान बनाना है जहाँ लोग आध्यात्मिक और सामाजिक विकास की ओर प्रेरित हो सकें।
"भक्ति, न्याय, और सेवा के माध्यम से एक बेहतर समाज का निर्माण करें। भगवान चित्रगुप्त की कृपा और उपदेशों से प्रेरित होकर, यह धाम एकता और शांति का प्रतीक बने।"