Chitragupta Dham

कला और मंदिरों में चित्रण


भगवान चित्रगुप्त को आमतौर पर एक गरिमामयी व्यक्ति के रूप में दर्शाया जाता है, जो एक कलम और लेखा-पुस्तक धारण किए हुए होते हैं, जो उनके दिव्य लेखक की भूमिका का प्रतीक है। उन्हें अक्सर बैठे हुए दिखाया जाता है, जहां वे व्यक्तिगत कर्मों का सावधानीपूर्वक लेखा-जोखा रखते हैं। कुछ चित्रणों में उन्हें यमराज के साथ दिखाया जाता है, जो उनकी घनिष्ठ संबद्धता को दर्शाता है।

सामान्य प्रतीक

कलम और लेखा-पुस्तक चित्रगुप्त के साथ जुड़े सबसे सामान्य प्रतीक हैं। ये वस्तुएं उनके प्रत्येक क्रिया को दस्तावेज करने और न्याय सुनिश्चित करने के कर्तव्य का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसके अतिरिक्त, उन्हें कभी-कभी एक स्क्रॉल या पुस्तक के साथ भी दर्शाया जाता है, जो उनके लेखा-रखाव की भूमिका को और अधिक स्पष्ट करता है।

प्रतीकों का अर्थ और महत्व

चित्रगुप्त से जुड़े प्रतीक हिंदू धर्म में जवाबदेही और न्याय के महत्व को उजागर करते हैं। ये भक्तों को उनके कर्मों के नैतिक परिणामों और दिव्य न्याय की अनिवार्यता की याद दिलाते हैं।

ChitraGupta : The Divine Scribe of Yama